कह कविराय स्वाध्याय इयत्ता नववि हिंदी | kah kaviray swadhyay iyatta Navvi hindi | १. कह कविराय स्वाध्याय | ९ वी हिंदी स्वाध्याय | hindi swadhyay navvi | 9th hindi

कह कविराय स्वाध्याय इयत्ता नववि हिंदी | kah kaviray swadhyay iyatta Navvi hindi | १. कह कविराय स्वाध्याय | ९ वी हिंदी स्वाध्याय | hindi swadhyay navvi | 9th hindi

 

(१) सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए- 

 

(क) कौआ और कोकिल में समानता तथा अंतर

 समानता   अंतर कवि को     दृष्टि से
कौआ – काला रंग कर्कश स्वर अपवित्र
कोकिल – काला रंग मधुर स्वर सुहावनी

 

 

(ख) कवि की दृष्टि से मित्र की परिभाषा –

 

१. स्वार्थरहित प्रेम

२. साथ देनेवाला

३. धन के कोही मतलब नहीं

४. धोखा न देनेवाला

 

(ग) आकृति
         काम बिगड़ जाता है ।
         जग में हंसी होती है ।
        किसी भी काम ने मन नही लगता।
         पछताना पड़ता है ।

 

 

(२) कविता में प्रयुक्त तत्सम, तद्‌भव, देशज शब्दों का चयन करके उनका वर्गीकरण कीजिए तथा पाँच शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए ।

 

उत्तर –   १. तत्सम

दुर्जन – दुर्जन को कीतनाभी भी समझाया जाए वो अपनी दुर्जनता भी छोड़ता।

(ii) चित्त 1 – किसी भी कार्य में सफलता के लिए चित्त की एकाग्रता आवश्यक है।

 

(2) तद्भव शब्द :

 

(i) इस संसार मे बिना गुन कोई किसी को महत्व नहीं देता

(ii) ऐसा मनुष्य बिरला ही होता है, जो परोपकार के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दे।

 

(3) देशज शब्द :

 

(i) धावै – तू मोहि को मारन धावै, दाऊहिं कबहुँ न खीझै। गई खेत।

(ii) पछताए–अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग

 

(३) कवि के मतानुसार मनुष्य की विचारधारा निम्न मुद्दों के आधार पर स्पष्ट कीजिए

 

(च) ॠण लेते समय  मीठे वचन बोलना , झूठ बोलना

(छ) ॠण लौटाते समय मारने दौड़ना, कागजों को झूठ बताना। 

 

Print Friendly, PDF & Email
Ads Blocker Image Powered by Code Help Pro

Ads Blocker Detected!!!

We have detected that you are using extensions to block ads. Please support us by disabling these ads blocker.