गिरगिट अपना रंग क्यों बदलते है

आपने गिरगिट को रंग बदलते तो देखा ही होगा लेकिन क्या आपने कभी सोचा की आखिर कार गिरगिट अपना रंग क्यों बदलते है तो चलिए जानते है
क्यों बदलते है रंग
तो दोस्तो दुनिया में हर जीव के पास अपना कुछ खास हुनर है , जिससे वह अपना जीवन यापन करता है । कुछ ऐसा ही हुनर गिरगिट को भी मिला है । ऐसा माना जाता है कि सुरक्षा के लिए गिरगिट अपना रंग बदलते हैं । शिकारियों से बचने के लिए गिरगिट जहां बैठा है अपने आप को उसी रंग में में बदल लेता है ।
साथ ही गिरगिट अपना पेट भरने के लिए शिकार भी करते हैं । शिकार करते वक्त भी गिरगिट अपने रंग को बदलते है , जिससे उनके शिकार को इस इस बात का पता भी नही होगा की गिरगिट उनके पास है और शिकार भागते नहीं । जिससे गिरगिट अपना शिकार भी आसानी से कर लेता है ।
हाल ही में हुए एक रिसर्च के मुताबिक गिरगिट अपनी भावनाओं के अनुसार रंग बदलते हैं । गुस्सा , आक्रमकता , एक – दूसरे से बात करने के लिए और दूसरे गिरगिटों को अपना मूड दिखाने के लिए गिरगिट अपना रंग बदलते हैं ।इतनाही नहीं गिरगिट अपने आकार को बड़ा भी कर सकता है और जरूरत पड़ने पर छोटा भी कर सकते है |
गिरगिट के शरीर का राज
गिरगिट के शरीर में फोटोनिक क्रिस्टल नामक एक परत होती है , जो माहौल के हिसाब से रंग बदलने में मदद करती है । फोटोनिक क्रिस्टल की परत प्रकाश की परावर्तन को प्रभावित करती है , जिससे गिरगिट का बदला हुआ रंग दिखाई पड़ता है । जैसे कि जब गिरगिट जोश में होता है तो फोटोनिक क्रिस्टल की परत ढीली पड़ जाती इससे लाल और पीला रंग परावर्तित होता है । ,
वहीं गिरगिट जब शांत होता है तो यह क्रिस्टल प्रकाश में मौजूद नीले तरंगदैर्घ्य को परावर्तित करते हैं । इसके अलावा गिरगिट में क्रिस्टलों की एक और परत होती है , जो अन्य परत के मुकाबले ज्यादा बड़े होते हैं । बहुत तेज प्रकाश होने पर यह परत गिरगिट को गर्मी से बचाती है