१ भारत महिमा स्वाध्याय
१ भारत महिमा स्वाध्याय । Bharat Mahima Swadhyay Hindi Class 10 । Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए
(१) निम्नलिखित पंक्तियोंका तात्पर्य लिखिए।
१. कहीं से हम आए थे नहीं –
उत्तर:
हम भारतवासी किसी अन्य देश से आकर यहाँ नहीं बसे। हम यहीं के निवासी हैं। सभ्यता के प्रारंभ से हम यहीं रहते आए हैं।
२. वही हम दिव्य आर्य संतान
उत्तर:
भारतवासी आर्य थे और हम उन्हीं आर्यों की दिव्य संतानें हैं।
(२) उचित जोड़ियाँ मिलाइए

उत्तर:
अ | आ |
(१) संचय | दान |
(२) सत्य | वचन |
(३) अतिथि | देव |
(४) रत्न | तेज। |
(३) लिखिए :
उत्तर:


(४) प्रस्तुत कविता की अपनी पसंदीदा किन्हीं दो पंक्तियों का भावार्थ लिखिए ।
उत्तर:
विजय केवल लोहे की नहीं, धर्म की रही धरा पर धूम भिक्षु होकर रहते सम्राट, दया दिखलाते घर-घर घूम।
भारतीयों ने शस्त्रों के बल पर दूसरे देशों को नहीं जीता, बल्कि उन्होंने प्रेमभाव से लोगों के हृदय जीते हैं। भारत में प्राचीन काल से ही लोगों के मन में धर्म की भावना रही है। यहाँ वर्धमान महावीर और गौतम बुद्ध जैसे त्यागी धर्मपुरुष हुए हैं, जिन्होंने अपना विशाल साम्राज्य छोड़कर भिक्षु का स्वरूप धारण किया और घर-घर घूमकर लोगों का कष्ट दूर करने का प्रयास किया, धर्म का प्रचार किया।
(५) निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिए
१. रचनाकार का नाम
२. रचना का प्रकार
३. पसंदीदा पंक्ति
४. पसंदीदा होने का कारण
५. रचना से प्राप्त संदेश
उत्तर:
(१) रचनाकार का नाम ⇒ जयशंकर प्रसाद ।
(२) रचना की विधा ⇒ कविता ।
(3) पसंद की पंक्तियाँ ⇒ व्योमतम पुंज हुआ तब नष्ट,अखिल संसृति हो उठी अशोक।
(४) पंक्तियाँ पसंद होने का कारण ⇒ हम भारतीयों ने पूरे विश्व में ज्ञान का प्रसार किया, जिसके कारण समग्र संसार आलोकित हो गया। अज्ञान रूपी अंधकार का विनाश हुआ और संपूर्ण सृष्टि के सभी दुख-शोक दूर हो गए।
(५) रचना से प्राप्त संदेश / प्रेरणा ⇒ हमें सदैव अपने देश और इसकी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। जब भी आवश्यकता पड़े, देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने के लिए तत्पर रहना चाहिए।
2. लक्ष्मी | CLICK HERE |
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