४. छापा

. छापा

* सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

४. छापा

(१) संजाल पूर्ण कीजिए :

४. छापा

उत्तर:

४. छापा
ये वस्‍तुएँ खाली थीं

 

(२) कृति पूर्ण कीजिए :

४. छापा

उत्तर:

४. छापा
१. कवि द्‌वारा छापामारों को दिए गए सुझाव

 

४. छापा
२. शयनकक्ष में पाई गई चीजें

४. छापा

 

(३) कविता के आधार पर जोड़ियाँ मिलाइए :

(३) कविता के आधार पर जोड़ियाँ मिलाइए ः

उत्तर:

उत्तर
अर्थनई कविता में
सुवर्णकाव्य कृतियों में
चाँदीबालों में
मुद्राचेहरे पर।

 

(४) प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए: 

४. छापा

उत्तर:

४. छापा
छापा मारने वालों में आया परिवर्तंन

 

(५) ऐसे प्रश्न बनाइए जिनके उत्‍तर निम्‍न शब्‍द हों :

१. अरण्यकांड

उत्तर:

कवि के घर में क्या देखकर छापा मारने वालों का खिला चेहरा मुरझा गया?

 

२. तख्त

उत्तर:

कवि छापा मारने वालों से अपने घर में क्या डलवाने के लिए कहते हैं?

 

३. असफलता

उत्तर:

कवि के घर छापा मारने पर छापा मारने वालों को क्या मिली?

 

४. अनधिकृत

उत्तर:

छापा मारने वालों को लेखक से किस प्रकार का अर्थ चाहिए था?

 

(६) सोना, चाँदी, अर्थ और मुद्रा इन शब्‍दों के विभिन्न अर्थ बताते हुए कविता के आधार पर इनके अर्थ लिखिए ।

उत्तर:

सामान्य अर्थकविता के आधार पर अर्थ
(१) सोनापीले रंग की एक बहुमूल्य धातु, जो आभूषण बनाने के काम आती है।सोना यानी नींद में होना।
(२) चाँदीसफेद रंग की एक नर्म चमकीली धातु, जो गहने, सिक्के आदि
बनाने के काम आती है।
सिर के बालों का चाँदी के रंग का (सफेद) हो जाना।
(३) अर्थसंपत्ति, रुपया-पैसा।मतलब (कविताओं में  )।
(४) मुद्रासिक्का, रुपया-पैसा।हाथ, मुख, गर्दन आदि की कोई विशेष भावसूचक स्थिति मुख चेष्टा ।

 

(७) ‘कर जमा करना, देश के विकास को गति देना है’ विषय पर अपने विचार लिखिए ।

उत्तर:

समाज में दो तरह के लोग होते हैं। एक वे, जो कर अदा करने लायक आय होने पर स्वेच्छा से ईमानदारी के साथ सरकार को कर अदा | कर देते हैं और दूसरे वे, जो कमाई तो जायज-नाजायज अंधाधुंध करते हैं, पर नियम के तहत कर अदा करने से कतराते हैं। यह मनोवृत्ति उचित नहीं है। देश के विकास का कार्य जनता द्वारा प्राप्त कर से ही पूरा होता है। चिकित्सा, परिवहन तथा जनता की सहायतार्थ शुरू किए जाने वाले सारे कार्य जनता से प्राप्त कर से ही पूरे होते हैं।

जिस देश में आय करने वाले सभी लोग ईमानदारी और स्वेच्छा से उचित मात्रा में कर अदा करते हैं, उस देश के विकास के सारे कार्य सुचारू रूप से पूरे होते हैं और सामान्य जनता को उसका पूरा-पूरा लाभ मिलता है।यदि कोई व्यक्ति यह सोचता हो कि सभी लोग तो कर अदा करते हैं, उसके अकेले कर अदा न करने या कम कर का भुगतान करने से क्या फर्क पड़ेगा, ‘तो ऐसा सोचने वालों की संख्या अनगिनत हो सकती है। इस तरह कर की कितनी रकम सरकारी खजाने में जमा होने से रह जाती है। इस कारण पैसे के अभाव में सरकार की अनेक योजनाएँ अटकी रह जाती हैं। इसलिए कर योग्य आय पर ईमानदारी से कर जमा करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। कर अदा कर हम अपनी ही सहायता करते हैं। कर जमा करने से ही विकास को गति मिलती है।

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