९. जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ
* सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
९. जब तक जिंदा रहूँ
(१) कृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:

९. जब तक जिंदा रहूँ
(२) उत्तर लिखिए :
(१) नागर जी की पहली कविता को प्रस्फुटित करने वाला अनुभव – – – – – – – – – – – –
उत्तर:
सन 1928 – 1929 में साइमन कमीशन के बहिष्कार के समय किए गए लाठी चार्ज के अनुभव ने नागर जी की पहली कविता को प्रस्फुटित किया।
(२) नागर जी अपने पिता जी के इस गुण से प्रभावित थे – – – – – – – – – – – –
उत्तर:
किसी के दुख-दर्द में तुरंत पहुँचने का गुण।
(३) कोष्ठक में दी गई नागर जी की साहित्य कृतियों का वर्गीकरण कीजिए :
[कब लौं कहौं लाठी खाय, खंजन नयन, अपशकुन, नाच्यो बहुत गोपाल, महाकाल, प्रायश्चित, गदर के फूल]
उत्तर:
कहानी | उपन्यास | कविता | अन्य |
अपशकुन | नाच्यो बहुत गोपाल | कब लौं कहौं लाठी खाय | गदर के फूल |
प्रायश्चित | महाकाल, खंजन नयन |
(४) कृति पूर्ण कीजिए :
उत्तर:
(५) लिखिए :
उत्तर:
(६) एक शब्द में उत्तर लिखिए :
१. नागर जी के प्रिय लेखक ⇒ रामविलास शर्मा ।
२. नागर जी के प्रिय आलोचक ⇒ पाठकीय प्रतिक्रिया देने वाले पत्र लेखन
३. अपनी इस रचना के लिए नागर जी को बहुत लोगों से मिलना पड़ा
⇒ गदर के फूल ।
४.नागर जी का पहला उपन्यास ⇒ नाम – महाकाल प्रकाशन वर्ष – 1944
(७) लिखिए :
(अ) तद्धित शब्दों का मूल शब्द :
१. साहित्यिक = साहित्य
२. विलायती =विलायत
(ब) कृदंत शब्दों का मूल शब्द :
१. खिंचाव = खिंच + आव
२. लिखावट = लिख + आवट
अभिव्यक्त
‘ज्ञान तथा आनंद प्राप्ति का साधन :वाचन’ पर अपने विचार लिखिए ।
उत्तर:
कहते हैं, पुस्तक मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र होती है। पुस्तकों में ज्ञानभरी बातें होती हैं। किताबों में संचित ज्ञान हमारे लिए सहायक होता है। विभिन्न विचारकों, लेखकों तथा महान व्यक्तियों के विचार पुस्तकों में ही संग्रहित होते हैं। हमारे यहाँ साहित्य, तकनीक, विज्ञान, धर्म, राजनीति आदि सभी विषयों से संबंधित पुस्तकें उपलब्ध हैं। आवश्यकता है इन्हें पढ़ने में रुचि रखने की। पुस्तकें पढ़ने से ज्ञान प्राप्ति के साथ-साथ अद्भुत आनंद की प्राप्ति होती है।
कोई भी मनुष्य हर दृष्टि से परिपूर्ण नहीं होता। मनुष्य बहुत सारी बातें देख-सुन और पढ़कर सीखता है।विद्यार्थी पाठ्यपुस्तकों से ज्ञानार्जन करता है। बड़े होने पर इन पुस्तकों से उसका काम नहीं चलता। उसे ज्ञानार्जन के लिए और खुराक की आवश्यकता होती है। वह अपने पसंद वाले विषयों की पुस्तकें पढ़ता है। आई.सी.एस., आई.पी.एस. तथा आई.ए.एस. जैसी बड़ी-बड़ी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए भी वाचन की आवश्यकता होती है। पुस्तकों में क्या नहीं है? इसमें जो जितने गोते लगाता है, उसे उतना ही ज्ञान प्राप्त होता है।