3 वाह रे ! हमदर्द स्वाध्याय
वाह रे ! हमदर्द स्वाध्याय हिंदी | Wah Re Hamdard hindi। 10th Hindi swadhyay इयत्ता दहावी | कक्षा दसवी हिंदी स्वाध्याय | 10th Hindi swadhyay | Wah Re Hamdard dasvi swadhyay | Iyatta dahavi Hindi
* सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :-
3 वाह रे ! हमदर्द स्वाध्याय हिंदी। Wah Re Hamdard hindi। 10th Hindi swadhyay
(१) संजाल पूर्ण कीजिए:

उत्तर:

(२) अंतर स्पष्ट कीजिए :

प्राइवेट अस्पताल | सार्वजनिक अस्पताल |
प्राइवेट अस्पताल में अच्छी सुविधाएँ होती हैं। | सार्वजनिक अस्पताल में कई बार सुविधाओं का अभाव होता हैं। |
प्राइवेट वॉर्ड | जनरल वॉर्ड |
मिलने का कोई निश्चित समय नहीं होता। | मिलने का निश्चित समय होता है। |
(३) आकृति में लिखिए :

उत्तर:

(४) कारण लिखिए:
१. लेखक को अधिक गुस्सा अपनी पत्नी पर आया —————–
कारण:
आगंतुक को रोते देखकर लेखक की पत्नी ने उसे कोई रिश्तेदार या करीबी मित्र समझकर टैक्सीवाले को किराये के पैसे दे दिए थे।
२. लेखक कहते हैं कि मेरी दूसरी टाँग उस जगह तोड़ना जहाँ कोई परिचित न हो ————
कारण:
उस जगह लेखक के परिचित होंगे तो लेखक से समय-असमय मिलने आकर तंग करेंगे।
(5) शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :
१. वह स्थान जहाँ अनेक प्रकार के पशु-पक्षी रखे जाते हैं – चिड़ियाघर
२. जहाँ मुफ्त में भोजन मिलता है – लंगर (भंडारा)
(६) शब्द बनाइए :

उत्तर
बे (बेदर्द) उपसर्गयुक्त शब्द ← दर्द →प्रत्यययुक्त शब्द (दर्दनाक) नाक

उत्तर:
अ (अनिश्चित) उपसर्गयुक्त शब्द←निश्चित→प्रत्यययुक्त शब्द (निश्चितता) ता
अभिव्यक्ति
मरीज से मिलने जाते समय कौन-कौन-सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए, लिखिए ।
उत्तर:
प्रायः सभी को कभी-न-कभी मरीजों से मिलने अस्पताल में जाना पड़ता है। मरीज से मिलने जाते समय कुछ सावधानियाँ बरतना अत्यंत आवश्यक है। मरीज से मिलने जाते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारी वजह से उसे कोई कष्ट न पहुँचे। बच्चे चुलबुले होते हैं। इसलिए मरीज के पास बच्चों को नहीं लेकर जाना चाहिए। बीमारी में दवा और पथ्य के साथ मरीज को आराम व अच्छी नींद आवश्यक है। अतः मरीज के पास ज्यादा देर तक बैठना, जोर-जोर से बोलना, मरीज की बीमारी के बारे में नकारात्मक बातें करना आदि उचित नहीं है। जहाँ तक हो सके, मरीज का उत्साह बढ़ाना चाहिए। अस्पताल में डॉक्टर मरीज को उसकी आवश्यकता के अनुसार दवाएँ देते हैं। इसलिए मरीज से देसी नुस्खे आजमाने की बातें नहीं करनी चाहिए और न ही डॉक्टर की दवा के बारे में रोगी के मन में किसी तरह का भ्रम पैदा करना चाहिए।
4. मन ( पूरक पठन – पद्य ) | CLICK HERE |
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