4 मन स्वाध्याय 10वी
4 मन स्वाध्याय 10वी। Man Swadhyay 10th Hindi।10th Hindi swadhyay। Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 मन। Iyatta dahavi Hindi
* सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :-
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(१) लिखिए :

उत्तर:
निम्नलिखित हाइकु द्वारा मिलने वाला संदेश |
करते जाओ पाने की मत सोचो जीवन सारा | भीतरी कुंठा नयनों के द्वार से आई बाहर। |
हमें पूरा जीवन काम करते | रहना चाहिए। यह नहीं सोचते | रहना चाहिए कि हमें क्या प्राप्त होगा। | जब नेत्रों से अश्रु बहते हैं तो | यह मानना चाहिए कि मन की | कुंठा नयन रूपी द्वार से बाहर | आ रही है। |
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(२) कृति पूर्ण कीजिए :

उत्तर:

(३) उत्तर लिखिए :
१. मँझधार में डोले ⇒ जीवन नैया।
२. छिपे हुए ⇒ सितारे।
३. धुल गए ⇒ विषाद।
४.अमर हुए ⇒ गीतों के स्वर।
(४) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए:
१. चलतीं साथ पटरियाँ रेल की फिर भी मौन ।
उत्तर:
रेल की पटरियाँ अनंत काल से साथ चल रही हैं, परंतु वे सदा मौन रहती हैं। एक-दूसरे से कभी बात नहीं करती।
२.काँटों के बीच खिलखिलाता फूल देता प्रेरणा ।
उत्तर:
गुलाब का फूल काँटों के बीच भी हँसता है, खिलखिलाता है। वह हमें हर पल प्रेरणा देता है कि हमें परेशानियों से घबराए बिना अपना काम करते जाना है।
5. गोवा : जैसा मेने देखा | CLICK HERE |
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