5. अतीत के पत्र स्वाध्याय इयत्ता नववि | Atit ke patr swadhyay iyatta Navvi hindi | अतीत के पत्र स्वाध्याय | ९ वी हिंदी स्वाध्याय | अतीत के पत्र स्वाध्याय हिंदी। hindi swadhyay navvi | 9th hindi swadhyay
(१) सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए ः
(क) कार्य ः
स्वास्थ्य सुधार के लिए विनोबा जी द्वारा किए गए कार्य ः
१. दस – बारह मिल घूमना
२. छह से आठ सिर अनाज पीसना
३. तीन सौ सूर्य नमस्कार करना
4. नमक और सभी मसाले छोड़ देना
(ख) उचित जोड़ियाँ मिलाइए ः
अ आ
१. विद्यार्थी मंडल. योजना
२. राष्ट्रीय शिक्षा. व्रत
३. विनोबा जी का साध्य संस्था
4. ब्रह्मचर्य आश्रम
सत्याग्रह
उत्तर –
१. विद्यार्थी मंडल – संस्था
२. राष्ट्रीय शिक्षा – योजना
३. विनोबा जी का साध्य- आश्रम
4. ब्रह्मचर्य – व्रत
(ग) अर्थ लिखिए ः-
१. ‘अपरिग्रह’ शब्दसे तात्पर्य है कि……………..
उत्तर – संग्रह न करना ।
२. ‘रमताराम’ शब्दसे तात्पर्य है कि ………
उत्तर – फक्कड़ – एक स्थान पर न टिकने वाला।
(२) ‘स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है’ – इस पर स्वमत लिखिए ।
उत्तर : दुनिया में स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ नहीं होता। शरीर यदि स्वस्थ हो तो सब कुछ अच्छा लगता है। लेकिन यदि हम थोड़ा-सा भी बीमार हों तो दुनिया बेमानी लगती है। किसी भी काम में मन नहीं लगता। यदि शरीर स्वस्थ हो तो सब कुछ अच्छा लगता है। इसीलिए स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन कहा गया है। तन और मन का गहरा संबंध है। एक स्वस्थ तो दूसरा भी स्वस्थ । इसीलिए कहा गया है। पहला सुख निरोगी काया । निरोगी काया के लिए – न केवल तन बल्कि मन के भी स्वस्थ रहने की आवश्यकता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है।