6 गिरिधर नागर स्वाध्याय हिंदी। Giridhar nagar swadhyay | हिंदी 10 वीं कक्षा गिरिधर नागर स्वाध्याय | 10th Hindi swadhyay | Iyatta dahavi Hindi । Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter Giridhar nagar
6 गिरिधर नागर स्वाध्याय हिंदी। Giridhar nagar swadhyay
* सूचनानुसार कृतियाँ कीजिए:
(१) संजाल पूर्ण कीजिए:

उत्तर:

(२) प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए :

उत्तर:

(३) इस अर्थ में आए शब्द लिखिए :
उत्तर:
अर्थ | शब्द |
(१) दासी | चेरी |
(२) साजन | पति |
(३) बार – बार | बेर – बेर |
(४) आकाश | अंबर |
(४) कन्हैया के नाम
उत्तर:
(५) दूसरे पद का सरल अर्थ लिखिए ।
हरि बिन कूण गती मेरी ।।
तुम मेरे प्रतिपाल कहिये मैं रावरी चेरी ।।
आदि-अंत निज नाँव तेरो हीमायें फेरी ।
बेर-बेर पुकार कहूँ प्रभु आरति है तेरी ।।
यौ संसार बिकार सागर बीच में घेरी ।
नाव फाटी प्रभु पाल बाँधो बूड़त है बेरी ।।
बिरहणि पिवकी बाट जौवै राखल्यो नेरी ।
दासी मीरा राम रटत है मैं सरण हूँ तेरी ।।
उत्तर:
हे हरि, आपके बिना मेरा कौन है? अर्थात आपके सिवा मेरा कोई ठिकाना नहीं है। आप ही मेरा पालन करने वाले हैं और मैं आपकी दासी है। मैं रात-दिन, हर समय आपका ही नाम जपती रहती हूँ। मैं बार-बार आपको पुकारती हूँ, क्योंकि मुझे आपके दर्शनों की तीव्र लालसा है।
7. खुला आकाश ( पूरक पठन – गद्य ) | CLICK HERE |
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