6.निसर्ग वैभव स्वाध्याय इयत्ता नववि हिंदी | nisarg vaibhav swadhyay iyatta Navvi hindi | निसर्ग वैभव स्वाध्याय | ९ वी हिंदी स्वाध्याय | हिंदी स्वाध्याय। hindi swadhyay navvi | 9th hindi swadhyay

6.निसर्ग वैभव स्वाध्याय इयत्ता नववि हिंदी | nisarg vaibhav swadhyay iyatta Navvi hindi | निसर्ग वैभव स्वाध्याय | ९ वी हिंदी स्वाध्याय | हिंदी स्वाध्याय। hindi swadhyay navvi | 9th hindi swadhyay

 

 

 

(१) सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए ः –

(क) संजाल :

 

कविता में आए प्राकृतिक सौंदर्य के घटक

   पुलकित तृण दल
  तितलियां
 गिरी – शिखर
 फूलों की ज्वालाएं

 

(ख) कविता की पंक्तियों को उचित क्रमानुसार लिखकर प्रवाह तख्ता पूर्ण कीजिए :

(१) परिचित मरकत आँगन में !

(२) अभिशापित हो उसका जीवन ?

(३) अनिल स्पर्श से पुलकित तृणदल,

(4) निश्चल तरंग-सी स्तंभित !

प्रवाह तख्ता

  1. निष्चल तरंग – सी स्तभित
 2. ईश्वर का प्रतिनिधि नर
 3. गुंजन भर मधुकर दल
 4.जगता गंध समीरन !

 

(२) कविता द्वारा प्राप्त संदेश लिखिए ।

उत्तर : कविता से हमें यह संदेश मिलता है कि मनुष्य को अपने व्यवहार का विश्लेषण करना चाहिए कि क्यों वह सदैव चिंताग्रस्त रहता है। संघर्षरत रहता है। मनुष्य इस सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है। उसे ईश्वर ने बुद्धि दी है, कल्पना और तर्कशक्ति दी है। अपनी इन्हीं विशेषताओं के प्रयोग से कंदराओं और जंगलों में रहने वाला मनुष्य आज न केवल चाँद पर पहुँच गया है, बल्कि मंगल ग्रह पर बसने की तैयारी कर रहा है। ऐसा मनुष्य क्यों दुखी है। मनुष्य को अपनी स्वकेंद्रिकता तथा अपना अहंकार छोड़कर वसुधैव कुटुंबकम की भावना अपनानी चाहिए।

 

 

भाषा बिंदु निम्नलिखित मुहावरे/कहावतों में से अनुपयुक्त शब्द काटकर उपयुक्त शब्द लिखिए

(1) टोपी पहनना – टोपी पहनाना

 

(2) कमर बंद करना- बोलती बंद करना

 

(3) गेहूं गीला होना- आटा गीला होना

 

(4) नाक की किरकिरी होना – आँख की किरकिरी होना आसमान सर पर उठाना

 

(5) धरती सर पर उठाना – आसमान सर पर उठाना

 

(6) लाठी पानी का बैर – आग पानी का बैर

 

 

 

Print Friendly, PDF & Email
Ads Blocker Image Powered by Code Help Pro

Ads Blocker Detected!!!

We have detected that you are using extensions to block ads. Please support us by disabling these ads blocker.