9. मेरे पिताजी स्वाध्याय इयत्ता नववि | mere pitaji swadhyay iyatta Navvi hindi | मेरे पिताजी स्वाध्याय | ९ वी हिंदी स्वाध्याय | मेरे पिताजी स्वाध्याय हिंदी। hindi swadhyay navvi | 9th hindi swadhyay

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(१) सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए ः –

(क) निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर उनके लिए पाठ में प्रयुक्त विशेषताएँ लिखिए ः

१. जूता – काला

२. पाजामा – ढीला

३. अचकन – खूब फकने वाली

4. टोपी – दुपल्ली

 

(ख) ‘संयुक्त परिवार’ संबंधी अपने विचार लगभग छह से आठ पंक्तियों में लिखिए ।

उत्तर : भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से संयुक्त परिवार की परंपरा रही है। संयुक्त परिवार में माता-पिता, भाई-बहन के अतिरिक्त ताऊ चाचा, उनके विवाहित पुत्र भी सम्मिलित होते हैं। इन परिवारों में व्यक्ति से अधिक महत्व परिवार को दिया जाता है। आज के बदलते सामाजिक परिवेश में संयुक्त परिवार की परंपरा टूट रही है। संयुक्त परिवार में जहाँ बच्चों का लालन-पालन और मानसिक विकास अच्छी तरह होता है, वहीं वृद्ध लोगों का जीवन भी बच्चों के साथ शांतिपूर्वक व्यतीत होता है। आज जब अधिकतर महिलाएँ कामकाजी होती हैं, तब संयुक्त परिवार का महत्त्व और बढ़ जाता है। माँ की अनुपस्थिति में बच्चे शिशुगृह में रहने के स्थान पर दादा- दादी आदि के साथ ममतापूर्ण वातावरण में रहकर अच्छे संस्कार सीख सकते हैं।

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